PM Vishwakarma योजना 2025: Udyam Assist Certificate और इसके लाभ

PM Vishwakarma Yojana 2025 : Udyam Assist Certificate का महत्व
9 दिसंबर, 2024
लेखक: स्मॉल टूल्स न्यूज़

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक बड़ी पहल है, जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को लॉन्च किया। इसका मुख्य लक्ष्य कारीगरों को आधुनिक तकनीक, वित्तीय सहायता, और बाजार तक पहुंच प्रदान करना है।

PM Vishwakarma

इस योजना के अंतर्गत, लाभार्थियों को Udyam Assist Certificate दिया जाता है। यह प्रमाणपत्र कारीगरों की पहचान को आधिकारिक मान्यता प्रदान करता है और उन्हें विभिन्न सरकारी लाभों और योजनाओं का उपयोग करने में मदद करता है।

योजना की मुख्य जानकारी PM Vishwakarma

योजना का नाम: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना

लॉन्च की तारीख: 17 सितंबर 2023

लक्षित समूह: पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार

बजट: 13,000 करोड़ रुपये

अवधि: 5 साल (2027-28 तक)

लाभार्थियों की संख्या: 30 लाख

शामिल व्यवसाय: 18 पारंपरिक व्यवसाय


योजना के उद्देश्य PM Vishwakarma

पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आधुनिक तकनीक से जोड़ना।

कारीगरों की आय में वृद्धि।

गुणवत्तापूर्ण उत्पादों का निर्माण बढ़ाना।

कारीगरों को राष्ट्रीय और वैश्विक बाजार से जोड़ना।

युवाओं को पारंपरिक कौशल अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।


Udyam Assist Certificate क्या है?

यह प्रमाणपत्र प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का एक अहम हिस्सा है। यह कारीगरों और शिल्पकारों को आधिकारिक मान्यता प्रदान करता है और विभिन्न लाभों का द्वार खोलता है। साथ ही, लाभार्थियों को एक विशेष पहचान पत्र भी प्रदान किया जाता है।

Udyam Assist Certificate के लाभ

  1. सरकारी योजनाओं तक पहुंच: लाभार्थी विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
  2. वित्तीय सहायता: बैंकों से ऋण प्राप्त करना आसान हो जाता है।
  3. प्रशिक्षण: कौशल विकास और तकनीकी प्रशिक्षण में प्राथमिकता।
  4. बाजार तक पहुंच: सरकारी मेलों और प्रदर्शनियों में भाग लेने का अवसर।
  5. डिजिटल लेन-देन: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उत्पाद बेचने की सुविधा।

योजना के लाभ PM Vishwakarma

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को कई प्रकार के लाभ प्रदान किए जाते हैं:

  1. कौशल प्रशिक्षण

5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण।

15 दिनों या अधिक का विशेष प्रशिक्षण।

प्रशिक्षण के दौरान प्रति दिन ₹500 का स्टाइपेंड।

  1. टूलकिट सहायता

प्रशिक्षण के बाद ₹15,000 तक की टूलकिट।

आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय मदद।

  1. ऋण सहायता

₹3 लाख तक का रियायती ब्याज दर पर ऋण।

5% की रियायती ब्याज दर।

दो किश्तों में ऋण: ₹1 लाख और ₹2 लाख।

  1. डिजिटल लेन-देन प्रोत्साहन

प्रति डिजिटल लेन-देन ₹1 का प्रोत्साहन।

अधिकतम 100 लेन-देन प्रति माह।


योजना के लिए पात्रता मानदंड PM Vishwakarma

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:

  1. आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष हो।
  2. योजना में शामिल 18 पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में संलग्न हो।
  3. पिछले 5 वर्षों में किसी अन्य क्रेडिट आधारित योजना का लाभ न लिया हो।
  4. प्रति परिवार केवल एक सदस्य इस योजना का लाभ उठा सकता है।
  5. सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य योजना के लिए पात्र नहीं हैं।

शामिल पारंपरिक व्यवसाय PM Vishwakarma

बढ़ई

लोहार

कुम्हार

मूर्तिकार

सोनार

मोची

राजमिस्त्री

टोकरी/चटाई बुनकर

नाई

धोबी

दर्जी

हथियार निर्माता

ताला बनाने वाले

पत्थर तोड़ने वाले

नाव निर्माता

माला निर्माता

गुड़िया और खिलौना निर्माता

मछली पकड़ने वाली जाल बनाने वाले

PM Vishwakarma

आवेदन प्रक्रिया PM Vishwakarma

योजना के लिए आवेदन निम्नलिखित प्रक्रिया द्वारा किया जा सकता है:

  1. पंजीकरण: pmvishwakarma.gov.in पर जाएं।
  2. आवेदन फॉर्म भरें: व्यक्तिगत और व्यवसायिक जानकारी भरें।
  3. दस्तावेज अपलोड करें: स्कैन किए गए दस्तावेज़ अपलोड करें।
  4. आवेदन जमा करें: सभी जानकारी जांचने के बाद फॉर्म सबमिट करें।
  5. पावती प्राप्त करें: आवेदन सबमिट होने के बाद संदर्भ संख्या प्राप्त करें।

आवश्यक दस्तावेज

आधार कार्ड

पैन कार्ड

बैंक पासबुक की कॉपी

पासपोर्ट साइज फोटो

व्यवसाय से संबंधित प्रमाण पत्र (यदि उपलब्ध हो)

आय प्रमाण पत्र (वैकल्पिक)


योजना का प्रभाव और महत्व

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ-साथ भारत की समृद्ध कला और शिल्प परंपरा को संरक्षित करने में सहायक होगी।

मुख्य लाभ

  1. रोजगार सृजन: लाखों कारीगरों को नए रोजगार के अवसर मिलेंगे।
  2. आय में वृद्धि: कारीगरों को बाजार तक पहुंच और आधुनिक तकनीक से लाभ होगा।
  3. कौशल उन्नयन: प्रशिक्षण कार्यक्रम से कारीगरों के कौशल में सुधार होगा।
  4. ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास: ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और आय के अवसर बढ़ेंगे।
  5. परंपराओं का संरक्षण: भारत की पारंपरिक कला और शिल्प संरक्षित होंगे।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना कारीगरों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना से वे आर्थिक रूप से सशक्त होंगे और उनकी कला को पहचान मिलेगी। Udyam Assist Certificate उनके लिए न केवल पहचान का प्रतीक है, बल्कि यह उन्हें सरकारी लाभों और योजनाओं तक पहुंच का साधन भी प्रदान करता है।

PM Vishwakarma

योजना से जुड़ी अधिक जानकारी और आवेदन के लिए http://pmvishwakarma.gov.in पर संपर्क करें।

Leave a Comment